2020 तक खत्म हो जाएंगें भारत और कश्मीर के सारे रिश्ते - महबूबा मुफ्ती
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Lok Sabha Election 2019 (लोकसभा चुनाव 2019): महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यदि जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के लिए नियमों और शर्तों में बदलाव किया गया तो राज्य के इस देश के साथ संबंध समाप्त हो जायेंगे।
Lok Sabha Election 2019: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (3 अप्रैल) को कहा कि यदि जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के लिए नियमों और शर्तों में बदलाव किया गया तो राज्य के इस देश के साथ संबंध समाप्त हो जायेंगे। अनंतनाग लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर की ओर से राष्ट्र के लिये 2020 की समय सीमा होगी। यदि जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के समय तय किये गये नियमों और शर्तों को हटाया गया तो हमारे संबंध देश के साथ समाप्त हो जायेंगे।’’
Lok Sabha Election 2019: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (3 अप्रैल) को कहा कि यदि जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के लिए नियमों और शर्तों में बदलाव किया गया तो राज्य के इस देश के साथ संबंध समाप्त हो जायेंगे। अनंतनाग लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर की ओर से राष्ट्र के लिये 2020 की समय सीमा होगी। यदि जम्मू कश्मीर के भारत में विलय के समय तय किये गये नियमों और शर्तों को हटाया गया तो हमारे संबंध देश के साथ समाप्त हो जायेंगे।’’
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पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 35ए को 2020 तक निरस्त कर दिया जायेगा। कांग्रेस के घोषणापत्र पर महबूबा ने कहा कि यह शब्द दर शब्द उस एजेंडा आफ एलायंस की तरह ही है जिस पर 2015 में जम्मू कश्मीर में सरकार के गठन के समय उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और भाजपा के बीच सहमति बनी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 35ए को 2020 तक निरस्त कर दिया जायेगा। कांग्रेस के घोषणापत्र पर महबूबा ने कहा कि यह शब्द दर शब्द उस एजेंडा आफ एलायंस की तरह ही है जिस पर 2015 में जम्मू कश्मीर में सरकार के गठन के समय उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और भाजपा के बीच सहमति बनी थी।
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वहीं, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्सपा) पर उसके रुख के लिये आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आफ्सपा को कोई कमजोर नहीं कर सकता क्योंकि भाजपा सुरक्षा बलों के समर्थन में चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। राजस्थान के उधमपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “कांग्रेस और उसके नेताओं अपने घोषणापत्र में आफ्सपा को कमजोर करने और राजद्रोह के उपबंधों को वापस लेने की घोषणा पर शर्म आनी चाहिये।” भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह के समर्थन में आयोजित रैली में शाह ने कहा, “आफ्सपा को कोई कमजोर नहीं सकता क्योंकि भाजपा सुरक्षा बलों के पीछे चट्टान की तरह खड़ी रहेगी, जो हमारी सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वहां से एक भी गोली चली तो हम यहां से गोले दागेंगे।
शाह ने कहा, “भाजपा किसी को भी जम्मू-कश्मीर को भारत से छीनने नहीं देगी।” गौरतलब है कि कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिये अपना घोषणापत्र जारी करते हुए वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आई तो वह जम्मू-कश्मीर में आफ्सपा कानून की समीक्षा करेगी। उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को रद्द करने का प्रस्ताव भी रखा जो ”देशद्रोह” के अपराध को परिभाषित करती है। पार्टी का कहना है कि इसका “दुरुपयोग” किया गया है और यह “बाद के कानूनों के कारण निरर्थक” हो गया है।
शाह ने कहा, “भाजपा किसी को भी जम्मू-कश्मीर को भारत से छीनने नहीं देगी।” गौरतलब है कि कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिये अपना घोषणापत्र जारी करते हुए वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आई तो वह जम्मू-कश्मीर में आफ्सपा कानून की समीक्षा करेगी। उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को रद्द करने का प्रस्ताव भी रखा जो ”देशद्रोह” के अपराध को परिभाषित करती है। पार्टी का कहना है कि इसका “दुरुपयोग” किया गया है और यह “बाद के कानूनों के कारण निरर्थक” हो गया है।
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